Error loading page.
Try refreshing the page. If that doesn't work, there may be a network issue, and you can use our self test page to see what's preventing the page from loading.
Learn more about possible network issues or contact support for more help.

माहोल... आक्रोश का...

ebook
1 of 1 copy available
1 of 1 copy available

हमारे जीवन में चारो ओर कुछ ना कुछ ऐसा घटित होता ही रहता है जिस पर हम चाह कर भी अपनी आँखें बंद नही कर सकते। किंतु एक बहुत बड़ी विडंबना है हम सब मौन रहना स्वीकार लेते है क्योंकी कुछ गलत किसी और के साथ हो रहा है। और क्योंकी वो किसी और के साथ हो रहा है तो हमे उस से क्या...?हमारा उसमें लाभ क्या....? हमारी उसमें हानी क्या...? जब अति हो जायेगी तो, वो स्वयं उठेगा जिस पर प्रभाव पड़ेगा, जिसमें चेतना होगी, जिसमे वेदना होगी। जो आज मौन है, चुप है, शांत है, उन्हें मैं चेताना चाहता हूँ, आपका गलत समय पर मौन रहना और गलत होते देख कर भी चुप रहना एक तूफ़ान को जन्म दे रहा है। जिसकी विभीषिका से ना तो आप बच पाएंगे ना ही कोई और। प्रस्तुत पुस्तक में कुछ ऐसे ही माहोल की चर्चा पर मैंने अपने...

  • Creators

  • Publisher

  • Release date

  • Formats

  • Languages

Formats

  • Kindle Book
  • OverDrive Read
  • EPUB ebook

Languages

  • Hindi

Loading